शनि की साढ़ेसाती
आपके ऊपर शनि की साढ़ेसाती का क्या प्रभाव होता है चलिए जानते हैं
शनि की साढ़ेसाती जीवन में कई बदलाव और परिवर्तन लाती है इस परिवर्तन का पर्सनल लाइफ , Friends और Relatives के साथ रिलेशन पर प्रभाव देखा जा सकता है कई गलतफहमियां पैदा हो जाती है जिससे रिश्तों में असर पड़ता है . Health Issue हो सकते हैं ,शारीरिक चोट लग सकती है एक्सीडेंट हो सकते हैं health को लेकर भ्रमित हो सकते हैं सावधान रहने की आवश्यकता है आपके कैरियर बिजनेस और फाइनेंस में उतार चढ़ाव आ सकता है पैसा कमाने की कैपेसिटी में कमी आती है ज्यादातर परेशानी पैसे को लेकर आती है और कैरियर पर भी इसका प्रभाव पड़ता है
जरूरत होती है शनि की साढ़ेसाती के पैटर्न / गोचर की स्थिति व चाल को समझने की शनि की साढ़ेसाती मे सावधानी रखकर इससे पार पाया जा सकता है जो कि संभव है असंभव नहीं शनि आपके जीवन काल में निरंतर आप को प्रभावित करता है साढ़ेसाती का प्रभाव आपकी लाइफ में दो से तीन बार आता है और और ढाई साल की ढैया आपके जीवन में 5 से 6 बार आती है अगर हम इन सब को Calculate करें तो पुरे जीवन काल में लगभग 30 से 35 साल शनि आपके ऊपर प्रभाव रखता ही है
शनि आपकी सोच को बहुत प्रभावित करता है कई बार गलत निर्णय लेकर भी आदमी परेशानी मोल ले लेता है शनि अगर खराब होगा तो राहु केतु भी बिगड़ जाते हैं राहु की वजह से रिस्क लेने की आदत बन जाती है केतु बिना सोचे समझे काम करवा देता है कई बार देखा गया है कि अगर शनि खराब हो तो प्रॉपर्टी को लेकर झगड़े हो जाते हैं . व्यक्ति अनाप-शनाप बोलने लगता है किसी की भी नहीं सुनता शनि के कारण हड्डियों में पैरों में पिंडलियों में दर्द रहने लगता है कई बार देखा गया है कि शनि के बुरे प्रभाव के कारण किडनी और बवासीर की बीमारी पीछा नहीं छोड़ती
शनि के बुरे प्रभाव के कारण व्यक्ति अपना काम टालता रहता है उसके मन और मस्तिष्क पर शनि का प्रभाव पड़ने के कारण वह आलस्य से घिर जाता है कई कामों को वह हां कर देता है और कर एक भी नहीं पाता बड़ी असमंजस की स्थिति में व्यक्ति अपने आपको पाता है
क्या शनि की साढ़ेसाती केवल आम आदमी को परेशान करती है
नहीं ऐसा नहीं है कुछ लोग सोचते हैं शनि की साढ़ेसाती sade sati और ढैया Dhaiya अमीर और बड़े शख्शियत वालों को परेशान नहीं करती . शनि की साढ़ेसाती और ढैया सभी को परेशान करती हो चाहे वह पूंजीपति हो उद्योगपति हो Celebrity हो साधु हो , संत हो ,आम आदमी हो या ख़ास आदमी हो | हर व्यक्तियों पर इसका प्रभाव अलग अलग होता है पर हाँ ये सवाल है की कौन शनि की साढ़ेसाती और ढैया से कैसे जूझता है ये व्यक्ति की सोच समझ उसकी मानसिक स्थिति ,आर्थिक स्थिति और उसकी शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है।
शनि साढ़े साती के चरण
शनि की साढ़ेसाती के 3 चरण होते हैं।
जन्म कुंडली में कुल १२ घर यानि १२ रशिया होती हैं शनि 12 राशियों को घूमने में 30 साल का समय लेते हैं Sade Sati की अवधि 7.5 साल की है इस समय में शनि (Saturn) तीन राशियों से गुजरता है शनि जहाँ गोचर में अभी स्थित होता है उससे पहले वाले घर यानि अपने से 12वां भाव (उसकी पिछली राशि ) पर और जहाँ वो अभी स्थित होता है यानि पहला भाव और अपने से आगे वाला घर यानि दूसरा भाव पर साढ़े साती का प्रभाव रहता है
साढ़े साती का पहला चरण
इस चरण में, शनि किसी की जन्म कुंडली में उसकी राशि के 12वें भाव में प्रवेश करता है और वहां 2.5 वर्ष तक रहता है । इस दौरान लोगों को जिन कुछ प्रमुख मुद्दों का सामना करना पड़ता है, वे हैं अकेलापन, अलगाव, भागीदारों के साथ संबंधों के मुद्दे और माता-पिता और अन्य बड़ों के साथ झगड़े या बहस।
साढ़े साती का दूसरा चरण
साढ़े साती के दूसरे चरण के दौरान शनि 12वें भाव से गोचर करके पहले भाव में चला जाता है। यह वहां 2.5 साल तक रहता है। यह समय साढ़े साती का चरम होता है और इस दौरान लोगों को बेहद सावधान रहने की जरूरत होती है। दूसरे चरण के दौरान लोगों को अचानक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, दोस्तों के बीच मतभेद, वित्तीय नुकसान, कर्ज आदि कुछ महत्वपूर्ण समस्याएं आती हैं।
शनि साढ़े साती का तीसरा चरण
यह साढ़े साती का अंतिम चरण है जिसमें शनि या शनि पहले भाव से दूसरे भाव में गोचर करता है। यह वहां 2.5 साल तक रहता है। यह चरण साढ़े साती के प्रभाव में व्यक्ति को लाभ पहुंचाता है। ये वर्ष व्यक्ति को पिछले 2 चरणों के 5 वर्षों के दौरान हुई पीड़ा, पीड़ा और कष्टों से राहत देते हैं। कुछ छोटी-मोटी समस्याएं हो सकती हैं लेकिन कुल मिलाकर यह अवधि व्यक्ति को खोई हुई चीजों को फिर से बनाने और जीवन में स्थिरता वापस लाने में मदद करती है।
पर कई बार इसका अपवाद भी देखा गया है |तब जरुरत है आपको किसी अच्छे ज्योतिष सलाहकार से अपनी जन्म कुंडली विश्लेषण करवाने की
नकारात्मक प्रभाव को रोकने या कम करने के लिए हम कुछ आसान से उपाय कर सकते है ।
- शनि के बुरे प्रभाव पड़ने पर सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर भी इसका प्रभाव बुरा पड़ता है मानसिक परेशानी से उबरने के लिए भ्रामरी प्राणायाम और अनुलोम विलोम का 20 से 30 मिनट का अभ्यास रोज करें
- शनिवार के दिन काली उड़द की दाल या काला तिल या लोहे की वस्तुओं का दान करें
- सुबह पीपल के पेड़ की पूजा करें शाम को पीपल के पेड़ में सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाएं
- शनि चालीसा या शनि स्त्रोत का पाठ करें
- रोज १०८ बार शनि के बीज मंत्रों का उच्चारण करें
- सरसों के तेल का छाया दान करें
FAQ
1 .वर्ष २०२३ किन किन राशियों पर शनि साढ़े साती चल रही है .
Ans: २०२३ में मीन राशि पर शनि का पहला चरण चल रहा है कुंभ राशि पर दूसरा चरण चल रहा है और मकर राशि पर शनि की साढ़े साती का तीसरा चरण चल रहा है
2 .वर्ष २०२३ किन किन राशियों पर शनि की ढैया चल रही है
Ans : शनि फिलहाल में कुम्भ राशि में स्थित है क्योंकि अपनी जन्म की राशि से शनि जब चौथे स्थान पर और जन्म की राशि से 8वें स्थान पर आने पर ढैया का प्रभाव होता है
आजकल शनि वृश्चिक राशि से चौथे स्थान पर चल रहा है और कर्क राशि से ८वें स्थान पर चल रहा है इस लिए शनि की ढैया का प्रभाव कर्क राशि और वृश्चिक राशि पर है
ये 2.5 साल का समय भी काफी परेशानी भरा हो सकता है
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